The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
मौसम मुंबई का मौसमजयपुर का मौसमनई दिल्ली का मौसमलखनऊ का मौसमनोएडा का मौसम
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं check here चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
कुंजिका पाठ मात्रेण, दुर्गा पाठ फलं लभेत्।